उत्तर :
यहाँ स्पष्ट कर देना जरुरी है की यहाँ केवल जीरो तकनीकी ( zero technology ) से बनी स्वदेशी वस्तुओ के बारे में कहा जा रहा है . जैसे आचार, पापड़ , साबुन तेल शम्पू टूथ पेस्ट आदि जिनको बनाने में कोई विशेष तकनीकी की जरुरत नहीं होती , जो छोटे छोटे लघु उद्ध्योग लगा कर आम आदमी भी रोजगार कमा सकता है . अगर ये जीरो तकनीकी का सामान भी विदेशी कंपनी आ कर बना कर बचेंगे तो छोटे छोटे उद्योग बंद हो जायंगे और आम आदमी का रोजगार चला जायगा . और मुनाफे का पैसा विदेशो में चला जायगा .
यहाँ स्पष्ट कर देना जरुरी है की यहाँ केवल जीरो तकनीकी ( zero technology ) से बनी स्वदेशी वस्तुओ के बारे में कहा जा रहा है . जैसे आचार, पापड़ , साबुन तेल शम्पू टूथ पेस्ट आदि जिनको बनाने में कोई विशेष तकनीकी की जरुरत नहीं होती , जो छोटे छोटे लघु उद्ध्योग लगा कर आम आदमी भी रोजगार कमा सकता है . अगर ये जीरो तकनीकी का सामान भी विदेशी कंपनी आ कर बना कर बचेंगे तो छोटे छोटे उद्योग बंद हो जायंगे और आम आदमी का रोजगार चला जायगा . और मुनाफे का पैसा विदेशो में चला जायगा .
आपको प्रणाम , आपके मेहनत को नमन , वंदन
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