Wednesday, June 22, 2011

13 ) नेता जी ने कहा सत्याग्रही यूं छिप कर नहीं भागता उनको वही रुकना चाहिये था , सत्याग्रही कभी मैदान छोड़ कर नहीं भागता

उत्तर  :  क्या आप को पता है -भगवान कृष्ण को रणछोड़ भी कहा जाता है ,वे रणभूमि छोड़ कर भाग चले थे तो क्या वे कायर थे ?

छत्रपति शिवाजी महाराज को भी भेष बदलना पड़ाथा 

अर्जुन भी एक साल तक औरत के कपडे पहन कर छिप कर रहे थे 

अर्जुन महाभारत युद्ध में कर्ण के शक्ति अस्त्र से छिप कर भागते रहे जब तक उसका प्रयोग घटोत्कच पर नहीं हों गया ....तो क्या वोह कायर थे?

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस वेश बदल कर देश देश भागते रहें तो क्या वे कायर थे?

महिलाओं के वस्त्र पहन कर वहां से भागने के प्रयास के आरोपों पर बाबा ने कहा कि वह महिलाओं का सम्मान करते हैं और केंद्र सरकार उनकी हत्या की साजिश रचे बैठी थी इसलिए वह मैदान से महिलाओं के वस्त्र में बाहर भागे। उनका कहना था कि अपनी जान बचाने के लिए महिलाओं के वस्त्र पहनना कोई अपराध नहीं है। यह उनके लिए शर्म की बात नहीं अपितु गर्व की बात है।






आचार्य चाणक्य ने भी कहा है "बलिदान साधन है साध्य नहीं इसलिए बलिदान पौरुषहीन नहीं होना चाहिए व्यर्थ नहीं होना चाहिए".

बहादुरी और बेवकूफ़ी में फर्क होता है ! बिना किसी प्रयोजन के लक्ष्य के मौत को गले लगाना बहादुरी नहीं मूर्खता है |


महाराणा प्रताप वर्षों जंगलों में छिपते रहें, घांस की रोटियों पे जीवित रहें तो क्या वोह कायर थे ? 
ये सभी महापुरुष जानते थे कि युद्ध मर कर नहीं लड़कर जीते जाते है और जीवित रहेंगे तभी लड़ सकेंगे |

बाबा रामदेव ने भी सरकार की एनकाउंटर में मारने की मंशा को जान कर, राष्ट्र रक्षा, आन्दोलान रक्षा के लिए प्राणरक्षा की |


  ये फेसबुक विडियो लिंक देखे
http://www.facebook.com/video/video.php?v=10150277989323125 


ऊपर लिखी बाते कविता के रूप में सुने  (3.40 मिनट तक  )




बाबा ने यह भी कहा कि वह एक सैनिक की भांति देश की रक्षा करते सीमा पर मरना पसंद करेंगे न कि सरकार की साजिश में फंसकर अपनी जान देना।

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